अखिलेश यादव का आरोप: यूपी में लुटे उपचुनाव, चुनाव आयोग बना मूकदर्शक

महेंद्र सिंह
महेंद्र सिंह

मंगलवार को समाजवादी पार्टी प्रमुख और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने संसद परिसर में प्रेस को संबोधित करते हुए सीधे चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर सवाल उठा दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपी के कुंदरकी, मीरापुर और मिल्कीपुर में हुए हालिया उपचुनाव पूरी तरह से “लूट लिए गए”।

“चाहे जितनी शिकायत कर लो, आयोग एक्शन नहीं लेता… अफसर तो क्या, फाइल भी नहीं हिलती।” – अखिलेश यादव

“लोकतंत्र को लूटा गया” – क्या चुनाव अब सिर्फ दिखावा रह गया है?

अखिलेश ने कहा कि यूपी में वोटर लिस्ट से नाम गायब करना, फर्जी मतदान कराना, और सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल अब आम बात हो चुकी है। सपा ने आयोग को कई सबूत सौंपे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

“यूपी में चुनाव अब लोकतंत्र का उत्सव नहीं, सत्ता का तमाशा बन चुका है।” – सपा प्रमुख

संसद के बाहर सियासी विरोध – विपक्ष एकजुट

अखिलेश यादव ने यह बयान उस वक्त दिया जब वे बिहार में चल रहे SIR (Special Intensive Revision) अभियान के विरोध में संसद के मकर द्वार पर आयोजित विपक्षी प्रदर्शन में शामिल हुए।
राहुल गांधी, कांग्रेस नेता भी इस प्रदर्शन में मौजूद रहे। विपक्ष ने मांग की कि बिहार में चल रहा अभियान “वोटर लिस्ट से नाम गायब करने की साजिश” है।

“भाजपा को गरीब का वोट पसंद नहीं” – अखिलेश का बड़ा आरोप

भाजपा पर हमला करते हुए अखिलेश ने कहा कि सत्तारूढ़ दल नहीं चाहता कि गरीब, दलित, पिछड़े, और अल्पसंख्यक वोट दें।

“बिहार में जो हो रहा है, वो यूपी में पहले से स्क्रिप्टेड है – नाम काटो, वोट छीनो और लोकतंत्र का गला घोंटो।”

क्या यह चुनावी पारदर्शिता का संकट है?

प्रशासन की चुप्पी

चुनाव आयोग की निष्क्रियता

विपक्ष की एकजुटता

इन सभी बिंदुओं से यह साफ है कि देश में चुनावी पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं।

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